हिंदी पखवाड़ा रिर्पोट 2021

हिन्दी पखवाडा सम्पन्न 2021

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी संस्थान में 14-30 सितम्बर, 2021 के बीच हिन्दी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। इसी क्रम में हिन्दी पखवाड़े का शुभारम्भ 14 सितम्बर 2021 को "राजभाषा नीति, वार्षिक कार्यक्रम व संस्थान में इनका कार्यान्वयन" विषय पर प्रशिक्षण कार्यशाला का ऑनलाइन आयोजन करके किया गया। 27 ऑनलाइन प्रतिभागियों सहित लगभग 37 प्रतिभागियों ने कार्यशाला में सहभागिता की।

डॉ. नीरज चौरसिया (अध्यक्ष, हिन्दी कक्ष) ने सर्वप्रथम उप निदेशक प्रचालन कुलसचिव महोदया, मुख्य वक्ता श्रीमती सुनीति शर्मा तथा उपस्थित सभी ऑनलाइन प्रतिभागियों का स्वागत किया। हिन्दी दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए अपने कार्यशाला की शुरूआत हिन्दी के प्रसिद्ध कवि गिरिजा कुमार माथुर की चार पंक्तियों- 
"सागर से मिलती धाराएं,
हिन्दी सबकी संगम है। शब्द नाद, लिपि से भी आगे एक भरोसा अनुपम है..." से की। कार्यशाला की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए आपने कहा कि 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस तथा 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार की राजभाषा नीति के अनुसरण में शिक्षा मंत्रालय द्वारा समय-समय पर राजभाषा हिन्दी के संबंध में कार्यशाला तथा विचार-विमर्श संगोष्ठी इत्यादि आयोजित करने के लिए निर्देश जारी किए जाते हैं। इसी क्रम में हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए तथा कोविड-19 के चलते दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ऑनलाइन माध्यम से कार्यशाला का आयोजन किया गया है। श्रीमती इन्द्रमणि एवं श्रीमती राजेश कुमारी ने जीवित गुलदस्ता देकर वरिष्ठ अधिकारियों तथा मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इसके उपरान्त डॉ. चौरसिया ने प्रो. एस.जी. देशमुख, उप निदेशक (प्रचालन) को सम्बोधन के लिए आमंत्रित किया।

हिन्दी के लेखक राजेन्द्र सिंह ने जन्म दिवस पर अभिवादन करते हुए प्रो. देशमुख ने सभी का स्वागत किया एवं हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दी। आपने बताया कि आई.आई.टी. दिल्ली ने अपनी पहचान भारत वर्ष में ही नहीं अपितु दुनिया में बनाई है तथा बहुत सी उपलब्धियां प्राप्त की हैं। अन्तरराष्ट्रीय स्तर के मापदण्ड पर भी आई.आई.टी. दिल्ली का विशेष स्थान है। इसी संदर्भ में हमें हिन्दी प्रचार-प्रसार का महत्व समझना चाहिए तथा सभी अधिकारियों, छात्रों एवं कर्मचारियों को इस मुद्दे को ध्यान में रखना चाहिए। हिन्दी भाषा में सभी भाषाओं के शब्द शामिल है और अब तो ऑक्सफोर्ड में ’आत्मनिर्भर’ शब्द को स्थान दिया गया है यही हमारी पहचान है। हम चाहते हैं कि विश्व स्तर पर हिन्दी को उसका दर्जा प्राप्त हो। केवल 14 सितम्बर ही नहीं अपितु सभी दिन हिन्दी के हों। उप निदेशक महोदय ने एक बार फिर सभी को हिन्दी दिवस की बधाई देते हुए अपना सम्बोधन समाप्त किया। इसके उपरान्त डॉ. चौरसिया ने कुलसचिव महोदया को सम्बोधन के लिए आमंत्रित किया।

कुलसचिव महोदया ने हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में सभी को शुभकामनाएं प्रेषित की। आपने कहा कि हिन्दी सभी भाषाओं में अत्यधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिन्दी पखवाड़ा तथा हिन्दी दिवस समाज को जोड़ने का माध्यम है। विकसित तथा विकासशील देश जो उन्नति के शिखर पर है वे सभी अपनी भाषा को महत्व देते हैं। हमें भी राष्ट्रभाषा का यह सम्मान अपने अन्दर लाना है। हिन्दी कक्ष द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेकर इन्हें सफल बनाएं तथा राष्ट्रहित में कार्य करें। अन्त में 'सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्ता हमारा' इन दो पंक्तियों के साथ कुलसचिव महोदया ने अपने सम्बोधन को विराम दिया। डॉ. चौरसिया ने श्रीमती सुनीति शर्मा का संक्षिप्त परिचय दिया कि वे शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार में निदेशक राजभाषा से सेवानिवृत्त हैं उनके द्वारा प्रदान ज्ञान प्रतिभागियों के लिए अत्यन्त उपयोगी रहेगा। इसके पश्चात् श्रीमती सुनीति शर्मा को सम्बोधन के लिए आमंत्रित किया। सर्वप्रथम श्रीमती सुनीति शर्मा ने हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा सुन्दर है, मनोरम है, मीठी है, सरल है...ओजस्विनी है और अनूठी है ये हिन्दी.....’। आपने सरकार की राजभाषा नीति, संवैधानिक उपबन्ध, वार्षिक कार्यक्रम, तिमाही प्रगति रिपोर्ट, अनुच्छेद 343, 210, 120, 351 राजभाषा नियम 1963, राजभाषा संकल्प-1968, राजभाषा नियम 1976 आदि का विस्तार से वर्णन किया। प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ कार्यशाला में भाग लिया तथा महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की। कार्यशाला के अन्त में श्री आनन्द प्रकाश (सहायक कुलसचिव हिन्दी कक्ष) ने सभी प्रतिभागियों, उप निदेशक (प्रचालन), संस्थान कुलसचिव तथा आमंत्रित वक्ता को धन्यवाद दिया। सफलतापूर्वक कार्यशाला समापन के लिए श्री आनन्द प्रकाश ने हिन्दी कक्ष के स्टाफ सदस्यों तथा उपस्थित अधिकारीगण को धन्यवाद एवं बधाई दी।

इसके उपरान्त 16 सितम्बर, 2021 को संस्थान के ग्रुप 'बी' स्टाफ सदस्यों के लिए ’ऑनलाइन माध्यमों से शिक्षा का स्वास्थ्य एवं समाज पर प्रभाव’ तथा ग्रुप 'सी' स्टाफ सदस्यों के लिए ’कौशल विकास एवं राष्ट्र समृद्धि’ विषय पर हिन्दी निबन्ध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 23 स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। ग्रुप ’बी’ स्टाफ सदस्यों के लिए आयोजित निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार श्री सोमवीर (कनिष्ठ तकनीकी अधीक्षक, भौतिकी विभाग) ने द्वितीय पुरस्कार, संयुक्त रूप से श्री प्रवीण दशरथ पौनिकर (कनिष्ठ लेखा अधिकारी, लेखा परीक्षा अनुभाग) एवं श्री रजनीश अग्रवाल (कनिष्ठ लेखा अधिकारी, लेखा परीक्षा अनुभाग) ने तृतीय पुरस्कार संयुक्त रूप से सुश्री गुंजन मिश्रा (वरिष्ठ पुस्तकालय सूचना सहायक, केन्द्रीय पुस्तकालय) एवं श्री नरेन्द्र कुमार (कनिष्ठ तकनीकी अधीक्षक, रासायनिक इंजीनियरी विभाग) ने प्राप्त किया। ग्रुप ’सी’ स्टाफ सदस्यों के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार संयुक्त रूप से श्री मनोज (कनिष्ठ सहायक, स्नातकोत्तर अनुभाग) एवं सुश्री शुभ्रा गुप्ता (वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक, रसायन विज्ञान विभाग) ने तथा द्वितीय पुरस्कार, संयुक्त रूप से श्री प्रकाश शर्मा (रासायनिक इंजीनियरी विभाग) एवं श्री हरिओम कुमार (वरिष्ठ सहायक, भण्डार क्रय अनुभाग) ने तथा तृतीय पुरस्कार संयुक्त रूप से श्रीमती हेमा कुमारी (वरिष्ठ सहायक, स्थापना अनुभाग-2) एवं श्री हिमांशु कुमार (कनिष्ठ सहायक, स्नातकोत्तर अनुभाग) ने प्राप्त किया। 17 सितम्बर, 2021 को ग्रुप 'बी' एवं 'सी' स्टाफ सदस्यों के लिए हिन्दी टिप्पण एवं प्रारूपण नोटिंग एवं ड्राफ्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में 16 स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया इसमें प्रथम पुरस्कार श्री प्रवीण दशरथ पौनिकर (कनिष्ठ लेखा अधिकारी, लेखा परीक्षा अनुभाग) द्वितीय पुरस्कार श्रीमती हेमा कुमारी (वरिष्ठ सहायक, स्थापना अनुभाग-2) तृतीय पुरस्कार, संयुक्त रूप से श्री हरिओम कुमार (वरिष्ठ सहायक, भण्डार क्रय अनुभाग) एवं श्री मनोज (कनिष्ठ सहायक, स्नातकोत्तर अनुभाग) ने प्राप्त किया। 20 सितंबर, 2021 को ग्रुप ‘बी‘ एवं ‘सी‘ स्टाफ सदस्यों के लिए राजभाषा प्रशासनिक शब्दावली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 20 स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार श्री राज किशोर कुमार (कनिष्ठ सहायक, सिविल इंजीनियरी विभाग) को द्वितीय पुरस्कार श्री हरिओम कुमार (वरिष्ठ सहायक, भण्डार क्रय अनुभाग) को तृतीय पुरस्कार, संयुक्त रूप से श्री दिनेश कुमार (वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक, अनुप्रयुक्त यांत्रिकी विभाग) एवं श्री आलोक यादव (तकनीकी अधीक्षक, रसायन विज्ञान विभाग) को प्रदान किया गया।
30 सितंबर, 2021 को संस्थान के बोर्ड रूम में हिंदी समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से लगभग 60 स्टाफ सदस्यों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने भागीदारी की।

समारोह की अध्यक्षता संस्थान निदेशक प्रो. वी. रामगोपाल राव ने की। कार्यक्रम की शुरुआत सुश्री रत्ना दास (पुस्तकालय एवं सूचना सहायक) द्वारा सरस्वती वंदना से की गई। डॉ. नीरज चौरसिया (अध्यक्ष, हिंदी कक्ष) ने उपस्थित गणमान्य अधिकारियों तथा अन्य संकाय सदस्यों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से जुड़े प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती इन्द्रमणि ने किया। डॉ. नीरज चौरसिया ने संस्थान निदेशक उपनिदेशक (नीति एवं योजना) कुलसचिव महोदया को जीवित गुलदस्ता भेट करके स्वागत किया तथा पिछले 1 वर्ष के दौरान हिंदी कक्ष द्वारा किए गए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा संस्थान वेबसाइट पर हिन्दी वेब पेज की जानकारी दी। इसके उपरांत डॉ. चौरसिया ने माननीय गृहमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के संदेशों का पाठन किया। संस्थान कुलसचिव महोदया डॉ. दीपिका भास्कर जी ने ’राजभाषा प्रतिज्ञा’ दिलाई। कोरोना महामारी के कारण कार्यक्रम में पुरस्कार पाने वाले प्रतिभागियों को आमंत्रित नहीं किया गया। सभी ने ऑनलाइन माध्यम से हिंदी समारोह में भागीदारी की। इस अवसर पर पुरस्कार प्राप्त प्रतिभागियों के नामों की घोषणा पी.पी.टी. के माध्यम से की गई। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिंदी कक्ष द्वारा प्रकाशित वार्षिक पत्रिका 'जिज्ञासा' अंक 35 का विमोचन निदेशक महोदय उप निदेशक तथा संपादन मंडल के सदस्यों द्वारा किया गया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए डॉ. चौरसिया ने प्रो. अशोक कुमार गांगुली (उपनिदेशक, नीति एवं योजना) को संबोधन के लिए आमंत्रित किया। प्रो. गांगुली ने बताया-जिन छात्रों की मातृभाषा हिन्दी नहीं है उन्हें कविता लेख आदि के माध्यम से प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वे हिन्दी से जुड़ सकें। हिन्दी विशेषांक 2013-14 की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह अत्यन्त प्रभावी है तथा विभिन्न संस्थानों को आपस में जोड़ता है। हिन्दी कक्ष बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। इसके उपरांत अध्यक्ष, हिंदी कक्ष ने अध्यक्षीय संबोधन के लिए संस्थान निदेशक प्रो. वी. रामगोपाल राव को आमंत्रित किया। आपने बताया कि संस्थान में हिन्दी विकास की सम्भावनाओं का पता लगाकर उन्हे बढ़ाने का कार्य किया जाता है संस्थान में जितना सम्भव हो हिन्दी का प्रसार होना चाहिए। जो छात्र जिस भाषा में सहज हो उसे उस भाषा में बढ़ने का मौका देना चाहिए। भविष्य में तकनीकी माध्यम से श्रोता वक्ता अपनी-अपनी भाषा में कार्य कर पाएंगे। संस्थान में आने वाले गैर हिंदी भाषी तथा विदेशी विद्यार्थियों को हिंदी सिखाने के लिए कार्य किया जाए तो यह संस्थान हित में होगा। संस्थान में अन्तरराष्ट्रीय छात्रों को हिन्दी सिखाना तथा हिन्दी माध्यम के छात्रों के लिए स्पोर्ट सिस्टम बनाया जाए ताकि वे आसानी से दूसरी भाषा में जा सकें। किसी भी छात्र को भाषा की वजह से परेशानी नहीं होनी चाहिए।
डॉ. चौरसिया ने निदेशक महोदय को दिए गए सुझाव के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कार्यक्रम को समापन की ओर ले जाते हुए श्रीमती इन्द्रमणि को आमंत्रित किया। श्रीमती इन्द्रमणि ने सभी प्रतिभागियों को उत्साह के साथ भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया तथा हिंदी समारोह को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए उपस्थित संस्थान निदेशक, उपनिदेशक (नीति एवं योजना), संस्थान कुलसचिव, अध्यक्ष (हिंदी कक्ष), निर्णायक मंडल के सदस्यों, हिंदी कक्ष के सभी स्टाफ सदस्यों को बहुत-बहुत धन्यवाद एवं बधाई दी। अंत में डॉ. चौरसिया ने अधिक से अधिक कार्य राजभाषा हिंदी में करने की सभी से अपील की ताकि मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। सभी के सहयोग के लिए धन्यवाद किया और खुशनुमा माहौल में समारोह संपन्न हुआ।

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