हिंदी पखवाड़ा रिर्पोट 2022

हिंदी पखवाड़ा-2022 सम्पन्न


प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी संस्थान में हिंदी पखवाड़ा का आयोजन 14-29 सितम्बर, 2022 तक किया गया। इसी क्रम में हिंदी पखवाड़े के शुभारम्भ में 14 सितम्बर, 2022 को ’’राष्ट्रीय विकास एवं भारतीय भाषाओं’’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता डॉ. के.के.पंत, संकायाध्यक्ष (संकाय) द्वारा की गई। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. प्रेम पाल शर्मा (प्रसिद्ध लेखक व पूर्व संयुक्त सचिव, रेल मंत्रालय) को आमंत्रित किया गया था। इस कार्यशाला के प्रारंभ में डॉ. नीरज चौरसिया (अध्यक्ष, हिंदी कक्ष) ने हिंदी दिवस की बधाई देते हुए कार्यशाला की रूपरेखा व पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। आपने कहा कि हिंदी दिवस के अवसर पर द्वितीय अखिल राजभाषा सम्मेलन का आयोजन सूरत (गुजरात) में किया जा रहा है। सरकारी निर्देशानुसार अधिकारियों व कर्मचारियों के इस सम्मेलन में भाग लेने के कारणवश हिंदी दिवस के दौरान आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताएं 16 सिंतबर के पश्चात की जाएगी। आपने वरिष्ठ अधिकारियों जैसे प्रो. के.के.पंत, संकायाध्यक्ष (संकाय) और डॉ. दीपिका भास्कर, कुलसचिव महोदया का स्वागत किया तथा प्रो.के.के.पंत ने मुख्य अतिथि वक्ता को पौधा प्रदान करके उनका स्वागत किया।

डॉ. के.के.पंत, संकायाध्यक्ष (संकाय) ने सभी का स्वागत किया एवं सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दी। आपने बताया कि हिंदी भाषा में ज्ञान अर्जित करके भी जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है। विश्व स्तर पर हिंदी को उसका दर्जा प्राप्त हो इसके लिए केवल 14 सितम्बर को ही नहीं अपतिु सभी दिन हिंदी के हों। आपने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार इंजीनियरी की किताबों को हिंदी भाषा में परिवर्तित करने के प्रयास की ओर कार्य किया जा सकता है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसका ज्ञान हिंदी भाषा में अर्जित कर सके।

डॉ. दीपिका भास्कर, कुलसचिव ने हिंदी दिवस के उपलक्ष्य पर सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दी। आपने डॉ. नीरज चौरसिया और हिंदी कक्ष के निरंतर प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि वह सबसे आशा करती है कि सभी अधिकारी व कर्मचारी भी हिंदी में अधिक से अधिक काम करने का प्रयास करें। हिंदी कक्ष के द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित की जा रही अनेक प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों से आपने अनुरोध किया।

डॉ. प्रेम पाल शर्मा, मुख्य वक्ता ने ’’राष्ट्रीय विकास एवं भारतीय भाषाओं’’ पर विस्तार से चर्चा की। आपने बताया भाषा का सहज प्रयोग किया जाना चाहिए। शिक्षा वह है जो व्यक्ति में आत्मविश्वास जागृत करती है। महात्मा गांधी जी कि पहली किताब ’’हिंद स्वराज’’ उनकी अपनी भाषा गुजराती में लिखी। हमें केवल हिंदी में ही नहीं बल्कि सब भारतीय भाषाओं को सुढृढ बनाने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। लगभग 30 प्रतिभागियों ने उत्साह के साथ कार्यशाला में भाग लिया तथा महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की। कार्यशाला के अंत में डॉ. चौरसिया ने आमंत्रित वक्ता को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा एक पुस्तक उपहार रूप में प्रदान की।

19 सितम्बर, 2022 को संस्थान में ग्रुप ’बी’ सदस्यों के लिए ’जलवायु परिवर्तन प्रभाव व समाधान’ तथा ग्रुप ’सी’ स्टाफ सदस्यों के लिए ’आर्गेनिक खेती आवश्यकता एवं संभावना’ विषय पर हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 17 सदस्यों ने भाग लिया। ग्रुप ’बी’ स्टाफ सदस्यों के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार श्री देवेन्द्र सिंह (कनिष्ठ तकनीकी अधीक्षक, भौतिकी विभाग) ने द्वितीय पुरस्कार श्री रजनीश अग्रवाल (कनिष्ठ लेखा अधिकारी, लेखा परीक्षा अनुभाग) ने एवं तृतीय पुरस्कार सुश्री गुंजन मिश्रा (वरिष्ठ पुस्तकालय सूचना सहायक, केंद्रीय पुस्तकालय) ने प्राप्त किया। ग्रुप ’सी’ स्टाफ सदस्यों के लिए आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार श्री हरिओम कुमार (वरिष्ठ सहायक, भंडार एवं क्रय अनुभाग) ने द्वितीय पुरस्कार श्री चेतन कुमार गौड़ (कनिष्ठ प्रयोगशाला सहायक, रसायन विज्ञान विभाग) ने तृतीय पुरस्कार सुश्री पूनम बाला नेगी (वरिष्ठ सहायक, शैक्षिक अनुभाग) ने प्राप्त किया। 21 सितम्बर, 2022 को संस्थान में ग्रुप ’बी’ तथा ग्रुप ’सी’ स्टाफ सदस्यों के लिए ’हिंदी टिप्पणी एवं प्रारूपण प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया। इसमें 11 सदस्यों ने भाग लिया। इसमें प्रथम पुरस्कार सुश्री मेद्या लखमेरा (कनिष्ठ अधीक्षक, शैक्षिक अनुभाग) ने द्वितीय पुरस्कार श्री ललित कपूर (वरिष्ठ सहायक, नीति एवं योजना कार्यालय) ने एवं तृतीय पुरस्कार श्री दिनेश कुमार (वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक, अनुप्रयुक्त यांत्रिकी विभाग) ने प्राप्त किया। 22 सितम्बर, 2022 को संस्थान में ग्रुप ’बी’ तथा ग्रुप ’सी’ स्टाफ सदस्यों के लिए ’राजभाषा प्रशासनिक शब्दावली प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया। इसमें 14 सदस्यों ने भाग लिया। इसमें प्रथम पुरस्कार श्री प्रकाश शर्मा (वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक, रसायनिक इंजीनियरी विभाग) ने द्वितीय पुरस्कार सुश्री हेमा कुमारी (कनिष्ठ अधीक्षक, स्थापना अनुभाग-।।) ने एवं तृतीय पुरस्कार श्री आलोक प्रताप यादव (तकनीकी अधीक्षक, रसायन विज्ञान विभाग) को प्रदान किया गया।
29 सितम्बर, 2022 को संस्थान में स्टाफ सदस्यों और विद्यार्थीगण के लिए 'स्वरचित कविता पाठ प्रतियोगिता' का आयोजन किया गया। इसमें 08 स्टाफ सदस्यों एवं 09 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इसमें स्टाफ सदस्यों में प्रथम पुरस्कार श्री भाग्यवर्धन (वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक, केंद्रीय कार्यशाला) ने द्वितीय पुरस्कार श्रीमती अनीता मेहन (परियोजना सहायक, अनुसंधान एवं विकास एकक) ने एवं तृतीय पुरस्कार श्री सुनिल कुमार (कनिष्ठ तकनीकी अधीक्षक, विद्युत इंजीनियरी विभाग) को प्रदान किया गया तथा विद्यार्थीगण में प्रथम पुरस्कार सुश्री अनुर्वी मेहरा (प्रबंध अध्ययन विभाग) ने द्वितीय पुरस्कार श्री मणिकान्त राय (प्रबंध अध्ययन विभाग) ने तथा तृतीय पुरस्कार श्री विवेक कुमार (विद्युत इंजीनियरी विभाग) को प्रदान किया गया।

29 सिंतबर, 2022 को संस्थान के सीनेट रूम में हिंदी समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लगभग 85 स्टाफ सदस्यों एवं विद्यार्थियों ने भागीदारी की। इस समारोह की अध्यक्षता संस्थान निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने की। कार्यक्रम की शुरूआत श्रीमती पृथा शर्मा (शोध छात्रा) द्वारा सरस्वती वंदना से की गई। डॉ. नीरज चौरसिया (अध्यक्ष, हिंदी कक्ष) ने गणमान्य अधिकारियों, स्वरचित कविता के निर्णायक मंडल, कर्मचारियों व विद्यार्थियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती इंद्रमणि द्वारा किया गया। डॉ. नीरज चौरसिया ने निदेशक, उप निदेशक (प्रचालन), कुलसचिव महोदया, निर्णायक मंडल] प्रो. संतोष सत्या, प्रो. गुप्ता को तुलसी का पौधा देकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर हिंदी स्वरचित कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इसके उपरांत डॉ. नीरज चौरसिया ने पी.पी.टी के माध्यम से वर्ष के दौरान हिंदी कक्ष द्वारा किए गए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की तथा माननीय गृह मंत्री और शिक्षा मंत्री के संदेशों का पाठन किया और साथ ही हिंदी कक्ष के द्वारा प्रकाशित संपर्क और जिज्ञासा (हिंदी विज्ञान जर्नल) अंक के 1 से 35 तक के सभी अंकों का प्रदर्शन किया। संस्थान कुलसचिव डॉ. दीपिका भास्कर जी ने सभी को 'राजभाषा प्रतिज्ञा' दिलाई।

प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिंदी कक्ष के द्वारा प्रकाशित वार्षिक पत्रिका 'जिज्ञासा' के 36वें अंक का विमोचन निदेशक महोदय, उप निदेशक (प्रचालन) तथा संपादन मंडल के सदस्यों द्वारा किया गया। निदेशक महोदय ने कहा कि हिंदी कक्ष अपना कार्य बहुत बेहतर तरह से कर रहे है। सम्पर्क व जिज्ञासा का प्रकाशन सराहनीय है। समय-समय पर मंत्रालय के निर्देशों का पालन करते हुए हिंदी कक्ष द्वारा हिंदी का प्रचार-प्रसार का कार्य बेहतर तरीके से किया जा रहा है। जो छात्र जिस भाषा में सहज हो उसे उस भाषा में बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए। संस्थान में आने वाले गैर हिंदी भाषी छात्रों व विद्यार्थियों को हिंदी सीखने व हिंदी में पाठ्यक्रम पढ़ने की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। संस्थान में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को हिंदी सिखना तथा पाठ्यक्रम उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य किया जाना अपेक्षित है।

डॉ. चौरसिया ने निदेशक महोदय के दिए गए सुझाव के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. चौरसिया ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व इस उपलक्ष्य पर उपलब्ध सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा हिंदी समारोह को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए निदेशक, उप निदेशक (प्रचालन), कुलसचिव, निर्णायक मंडल, हिंदी कक्ष के सभी स्टाफ सदस्यों का बहुत बहुत धन्यवाद व बधाई दी।

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